भट्ठा संचालको का प्रतिनिधि मंडल एसएसपी से मिलकर लगायी गुहार

वाराणसी। जंसा थाना क्षेत्र के ईट भट्ठा संचालकों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को एसएसपी, एसपी ग्रामीण,सीओ व एसडीएम राजातालाब से मिलकर शासन द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने के बावजूद ईंट भट्ठे के संचालन में तथाकथित लोगों के गलत सूचना पर अकारण परेशान कर रही पुलिस के बारे में जानकारी देकर पुलिस द्वारा हस्तक्षेप न करने की मांग किया है।
ईट भट्टा संचालकों ने अवैध खनन के नाम पर परेशान कर रही पुलिस की संदिग्ध भूमिका पर सवालिया निशान खड़ा किया है। जंसा थाना क्षेत्र में आने वाले दर्जनों ईंट भट्ठा मालिकों ने कहा कि हम लोग सरकार को शुल्क देकर पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र ले रखा है। प्रतिवर्ष ढेर से दो लाख रुपये खनन शुल्क जमा कर रहे हैं। इसके बावजूद खनन के नाम पर ईट भट्ठा मालिकों को पुलिस परेशान कर रही है। जबकि प्रदेश सरकार के गाइड लाइन के अनुसार प्रशासन द्वारा एनओसी (लाइसेंस) में साफ लिखा हुआ है कि ईंट भट्ठे पर ईंट पथाई के लिये दो मीटर तक मिट्ठी की खुदाई जेसीबी से करा सकते है। वहीं पुलिस का कहना है कि कुछ अवैध भट्ठा संचालकों की आड़ में वैध भट्ठा संचालक भी परेशान है।
इस समस्या को लेकर ईट निर्माता परिषद के पदाधिकारियों ने विगत वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिला था। उन्होंने कहा था कि नियम कानून का पालन करने वाले भट्ठा मालिकों को पुलिस परेशान नही करेगीं। जबकि भट्ठा संचालकों के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनापत्ति प्रमाण पत्र व पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र होने के बाद भी उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र में स्पष्ट निर्देश है कि से मैकेनाइज मशीन यानी जेसीबी से दो मीटर तक मिट्टी की खुदाई कर सकते हैं। इसके बाद भी उन्हें मिट्टी खोदने से रोका जा रहा है। इसका असर ईट उद्योग पर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ईट उद्योग ऐसा व्यवसाय है जिसमें समय-समय पर थोड़ी-थोड़ी मिट्टी किसान देते रहते हैं। बार-बार जमीन का बदलाव कराना स्वच्छता प्रमाण पत्र में लंबी प्रक्रिया है। भट्ठा मालिकों ने कहा कि ईट भट्टे के सारे जीवन यापन करने वाले स्थानीय व बाहर के मजदूरों के घरों के चूल्हे ठंडे पड़ चुके हैं। भट्ठों पर मिट्टी नही होने से दूरदराज से आये मजदूरों को बैठाकर मजदूरी देना भट्ठा मालिकों को भारी पड़ रहा है। प्रशासन के इस रवैये से क्षेत्र के भट्ठा मालिकों में काफी रोष व्याप्त है।
भट्ठा मालिकों ने बताया कि 10 दिनों से दूसरे प्रांत से आये श्रमिक ईंट भट्ठों पर बैठकर समय व्यतीत कर रहे हैं।इनको हम लोग कितने दिन बिठाकर खिलाएंगे। अब तक उनका लाखों रुपये का नुकसान भी हो चुका है। लोगों ने बताया कि जिन भट्टा स्वामियों ने पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र ले रखा है, खनन जमा किया है तथा प्रदूषण संबंधित सारे कागजात सही रख रहे हैं। उनको मानक के अनुरूप मिट्टी उठाने की अनुमति प्रदान की जाय।
प्रतिनिधि मंडल में पूर्व चेयरमैन अनिल पटेल,सतेन्द्र सिंह,अरविन्द सिंह,प्रितेश कुमार दुबे,अरुण पाठक,शिवलोचन पटेल,घनश्याम सिंह, सुरेश सिंह,दीपक सिंह,पिंटू पाठक ,पांचू पटेल,सवेन्द्र पटेल, बच्चा सिंह,राजकुमार जायसवाल ,कृष्णकुमार यादव, अजय यादव सहित अन्य लोग शामिल थे।